“समरथ कूं नहीं दोष गुसाई” – तुलसीदास
मथुरा के श्री ग्रुप बिल्डर द्वारा गोवर्धन रोड स्थित गेट बंद कॉलोनी श्री राधा सिटी की पूर्वी दीवार को जबरदस्ती गुंडागर्दी,बाहुबल,राजनैतिक रसूख के दम पर नेस्तनाबूत कर कोर्ट के उस आदेश को भी अंग-भंग कर दिया गया जिसमें कोर्ट ने स्टेटस-को (यथा-स्थिति) बनाये रखने की निषेधाज्ञा पारित की थी।
क्या था मामला?
माननीय न्यायालय सिविल जज (जूनियर डिवीज़न) मथुरा के लंबित वाद संख्या 1042/2022 में कॉलोनी निवासियों (परिवादी) ने माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत आवेदन में आरोप लगाया था कि प्रतिवादी बिल्डर परियोजनाओं का विस्तार करने के लिए राधा सिटी कॉलोनी की पूर्वी दीवार को गिरा रहे हैं, जिसे खरीद के समय समझौते के अनुसार सीमाबद्ध और संलग्न आवासीय सोसायटी कहा गया था।
वादीगण का आरोप था कि कॉलोनी की पूर्वी दीवार की सीमा का कोई भी परिवर्तन वादीगण की सुरक्षा को प्रभावित करेगा और इसलिए इसे रोका जाना चाहिए।
उपरोक्त के अलावा, वादीगण ने प्रस्तुत किया कि कथित विध्वंस सीधे तौर पर बिक्री-विलेख समझौते की शर्तों का उल्लंघन है। अभिलेख पर उपलब्ध अभिलेखों का अवलोकन करने के उपरान्त माननीय न्यायालय ने आदेश पारित किया कि –
“यह अदालत दोनों पक्षों को सुनवाई की अगली तारीख तक यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश देती है”
उपरोक्त वाद में माननीय अदालत ने अगली तारीख 15 मार्च 2023 को नियत कर रखी थी।
संदर्भ – “Thus This Court Direct both the Parties to Maintain Status-Quo till the next date of Hearing” – (पेज-3, पैरा- 2)
परन्तु कलयुग में तुलसीदास जी की उपरोक्त कहावत पूर्णतः चरितार्थ है कि समर्थ व्यक्ति के लिए क्या कोर्ट और क्या कानून लेकिन अचरज की बात ये है कि ये सब अमृतकाल में और योगी सरकार में घटित हो रहा है,जहाँ सदन में राम-राज की चर्चा होती है,माफियाओं को मिट्टी में मिलाने की बात डंके की चोट पर कही जाती है वहां इतने बड़े कांड को अंजाम देने के बाद भी अपराधी खुले घूम रहे हैं और शासन प्रशासन को मैनेज करने में लगे हैं।
एक भू-माफिया बिल्डर के द्वारा कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए ब्रज के ह्रदयांचल श्री गोवर्धन की तलहटी में स्थित गेट बंद कॉलोनी श्री राधा सिटी की 70 मीटर लंबी दीवाल को नेस्तनाबूत कर वहां के 1600 निवासियों की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया जाता है और लोगों के विरोध करने पर उन पर JCB चढ़ा जान से मारने की धमकी दी जाती है।
माफियाओं को मिट्टी में मिलाने वाली योगी सरकार का शासन-प्रशासन पुलिस निर्दोष प्लॉट और फ्लैट धारकों के सपनों को मिट्टी में मिलते देखता रहा। पुलिस के सामने अपराधी कांड करके रफूचक्कर हो गये। इतनी बड़ी सनसनीखेज घटना के बाद भी प्रशासन अपनी कुम्भ्करणी नींद से नहीं जागा और अभी तक बिल्डर और उसके गुर्गों के खिलाफ कोई अभियोग पंजीकृत नहीं हुआ ये निश्चित तौर पर ये सरकार की बहुत बड़ी असफलता है।
कोर्ट के स्टे-ऑर्डर के बाद भी बिल्डर की ये नापाक हरकत पूरे के पूरे सिस्टम पर सवाल खड़ा करती है। निश्चित ही ये सुनियोजित अपराध है जो सरकारी तंत्र के साथ सांठ-गाँठ किये बिना संभव नहीं है।
ये योगी सरकार में खुली गुंडागर्दी का सजीव प्रमाण है एक तरफ माफियाओं को मिट्टी में मिलाने की बात और दूसरी तरफ पोषित बिल्डरों पर ऐसी मेहरबानी।।
अगर इतने पर भी बिल्डर को जेल में नहीं डाला गया तो निश्चित ही सरकार की प्रतिबद्धता संदेह के घेरे में होगी। कॉलोनी वालों के अनुसार प्रशासन के अधिकारी उल्टे बिल्डर के वकील बने हुए हैं।
MVDA के अधिकारियों के साथ साठ-गाँठ कर बिल्डर ने फर्जी नक्शा पास करा लिया है जिसका इल्म वहाँ के निवासियों तक को नहीं है।
विक्रय पत्र में कोई और मानचित्र वर्णित है और बिल्डर अलग फर्जी नक्शा लेकर अधिकारियों को गुमराह किये हुए है इसके बावजूद प्रशासन उसके खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता की सुसंगत धाराओं 420,467,468,120B इत्यादि में आपराधिक मुकदमा दर्ज करने में असमर्थ है।
योगी जी की स्वच्छ छवि को धूमिल करने में प्रशासन कोई असर नहीं छोड़ रहा है।
तेरे रहते लुटा है चमन- ए-बागवां।
कैसे मानूँ कि तेरा इशारा नहीं।।
माफिया ने इस तरह विध्वंस मचाया है कि नीम जैसे सतत प्राण-वायु देने वाले पेडों को भी JCB से समूल नष्ट कर दिया है। कॉलोनी वालों का कहना है कि योगी जी हमें इंतजार है कि कब इस बिल्डर की ऑफिस सहित इसे मिट्टी में दफन किया जायेगा। निवासियों का मत है कि बिना देरी किये पूर्वी दीवाल का पुनर्निर्माण कार्य संपन्न कराया जाय और दोषी कितना भी प्रभावशाली और रसूखखोर व्यक्ति क्यों न हो उन्हें जेल भेजा जाय।
नीचे वीडियो में देखें कैसे 5 ही मिनट में मथुरा के भू माफिया बिल्डर श्री ग्रुप द्वारा कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए गोवर्धन रोड स्थित गेट बंद कॉलोनी श्री राधा सिटी की 70 मीटर लंबी दीवाल को नेस्तनाबूत कर 1600 लोगों की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया गया।
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