उत्तर प्रदेश बजट 2023 : लाइव अपडेट

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उत्तर प्रदेश बजट 2023: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार 2.0 आज विधानमंडल में अपना दूसरा आम बजट पेश करेगी। इसका आकार सात लाख करोड़ रुपये के आसपास होने की संभावना जताई जा रही है। इस बजट से युवाओं, किसानों और महिलाओं के साथ इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़े प्रोजेक्ट को लेकर बड़ी उम्मीदें हैं। यहां पढ़ें बजट से जुड़ा हर अपडेट…

लाइव अपडेट :

दुर्घटना में दिव्यांगता पर पांच लाख रुपये

– उत्तर प्रदेश के कृषकों की दुर्घटनावश मृत्यु / दिव्यांगता की स्थिति में मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना 14 सितम्बर, 2019 से लागू है। इस योजना के अन्तर्गत कृषक की परिभाषा का विस्तार किया गया है। योजना के अन्तर्गत दुर्घटनावश मृत्यु / दिव्यांगता की दशा में अधिकतम 5 लाख रूपये दिये जाने का प्रावधान है। योजना हेतु 750 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित हैं।

– प्रदेश में वर्ष 2022 में बाढ़ एवं अतिवृष्टि से हुई फसल क्षति के सापेक्ष दिनांक 21-12-2022 तक 6.68 लाख कृषकों को रूपये 261.42 करोड़ के कृषि निवेश अनुदान का वितरण किया जा चुका है। यह प्रक्रिया अभी जारी है।

वित्तमंत्री ने कहा विभागवार महत्त्वपूर्ण योजनाओं एवं कार्यक्रमों हेतु आय-व्ययक में की गई व्यवस्थाओं का विवरण प्रस्तुत करने के पश्चात् मैं, राजकोषीय सेवाओं का विवरण प्रस्तुत कर रहा हूँ।

– राज्य वस्तु एवं सेवा कर तथा मूल्य संवर्धित कर से राजस्व संग्रह का लक्ष्य 01 लाख 50 हजार करोड़ रुपये (1,50,000 करोड़ रुपये) निर्धारित किया गया है।

– आबकारी शुल्क से राजस्व संग्रह का लक्ष्य 58 हजार करोड़ रुपये (58,000 करोड़ रुपये) निर्धारित किया गया है।

– स्टाम्प एवं पंजीकरण से राजस्व संग्रह का लक्ष्य 34 हजार 560 करोड़ रुपये (34,560 करोड़ रुपये) निर्धारित किया गया है।

– वाहन कर से राजस्व संग्रह का लक्ष्य 12 हजार 672 करोड़ रुपये (12,672 करोड़ रुपये) निर्धारित किया गया है।

12:43 PM, 22-FEB-2023

लड़का पैदा होने पर एकमुश्त रूपये 20,000 व लड़की पैदा होने की स्थिति में 25,000 रूपये

– निर्माण श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा हेतु प्रत्येक राजस्व मण्डल में 1000 बालक / बालिकाओं के लिये कक्षा 06 से कक्षा-12 तक अध्ययन हेतु अटल आवासीय विद्यालय निर्माणाधीन हैं । इन विद्यालयों का संचालन आगामी सत्र 2023 2024 से प्रारम्भ किया जाना है। अवशेष निर्माण कार्य हेतु 63 करोड़ रूपये तथा उपकरण आदि के क्रय हेतु लगभग 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

– मातृत्व शिशु एवं बालिका मदद योजना के अन्तर्गत पंजीकृत महिला श्रमिक के संस्थागत प्रसव की दशा में निर्धारित तीन माह के न्यूनतम वेतन के समतुल्य धनराशि एवं रूपये 1000 को चिकित्सा बोनस तथा पंजीकृत पुरूष कामगारों की पत्नियों को रूपये 6000 एकमुश्त में दिये जाने का प्रावधान है । 

– अधिकतम दो नवजात शिशुओं के पोष्टिक आहार हेतु लड़का पैदा होने पर एकमुश्त रूपये 20,000/- तथा लड़की पैदा होने की स्थिति में रूपये 25,000/- बतौर सावधि जमा जो 18 वर्ष के लिए होगा, भुगतान किया जायेगा।

– जन्म से दिव्यांग बालिकाओं को रूपये 50,000 बतौर सावधि जमा जो 18 वर्ष के लिए होगा, भुगतान किये जाने का प्रावधान है।

– “निर्माण कागमार की मृत्यु विकलांगता सहायता एवं अक्षमता पेंशन योजना तथा निर्माण कामगार अन्त्येष्टि सहायता योजनाको एकीकृत करते हुये नयी योजना निर्माण कामगार मृत्यु व दिव्यांगता सहायता योजना कर दिया गया है।

– दुर्घटना में मृत्यु होने पर रूपये 5 लाख जो 05 वर्ष तक मासिक किश्त के रूप में दिया है, सामान्य मृत्यु पर रूपये 02 लाख 02 वर्ष तक मासिक किस्त के रूप में एवं अन्त्येष्टि हेतु रूपये 25,000 एकमुश्त देय है।

– पूर्ण स्थायी दिव्यांगता पर रूपये 04 लाख 34 वर्ष तक मासिक किस्त के रूप में स्थायी दिव्यांगता 50 प्रतिशत से अधिक एवं 100 प्रतिशत से कम पर रूपये 3 लाख 03 वर्ष तक मासिक किस्त के रूप में स्थायी दिव्यांगता 25 प्रतिशत से अधिक एवं 50 प्रतिशत से कम पर रूपये 02 लाख 02 वर्ष तक मासिक किस्त के रूप में देय है।

– अपंजीकृत श्रमिक की कार्यस्थल पर हुयी दुर्घटना के फलस्वरूप मृत्यु की स्थिति में रूपये 01 लाख एकमुश्त देय है। इस योजना के अन्तर्गत समेकित की गयी समस्त योजनाओं में माह नवम्बर, 2022 तक 37.149 लाभार्थी है तथा लगभग 419 करोड़ रूपये की धनराशि व्यय की गयी है। 

– महात्मा गांधी पेंशन योजना में प्रत्येक पात्र निर्माण श्रमिक जो 60 वर्ष की आयु पूर्ण कर एवं पूर्ववर्ती कम से कम 10 वर्षों तक लगातार लाभार्थी के रूप में सदस्य बना रहता है, को प्रतिमाह रूपये 1000 की दर से पेंशन देय है, जो उसके जीवित रहने तक उसे स्वयं और उसकी मृत्यु के पश्चात् उसकी पत्नी अथवा पति को दिये जाने का प्रावधान है।

12:33 PM, 22-FEB-2023

– अन्नपूर्ति योजना हेतु 21,791 करोड़ 25 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

– समस्त अन्त्योदय एवं पात्र गृहस्थी कार्डधारकों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अन्तर्गत प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम खाद्यान्न का प्रतिमाह निशुल्क वितरण माह दिसम्बर 2022 तक कराया गया।

– उज्जवला योजना के लाभार्थियों को निःशुल्क कुकिंग गैस सिलिण्डर के रीफिल हेतु 3047 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

– खाण्डसारी शक्कर योजना हेतु 218 करोड़ 40 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। 

– उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष योजनान्तर्गत जघन्य हिंसा की शिकार महिलाओं / बालिकाओं को आर्थिक एवं चिकित्सीय सहायता प्रदान की जा रही है।

– वित्तीय वर्ष 2023 2024 हेतु इस योजनान्तर्गत 56 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।

– बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अन्तर्गत कन्या भ्रूण हत्या की रोकथाम के लिये जागरूकता कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं यह योजना प्रदेश के 71 जनपदों में संचालित की जा रही है।

– उत्तर प्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा स्थापित पुष्टाहार उत्पादन इकाईयों एवं नैफेड के माध्यम से “टेक होम राशन” के रूप में 06 माह से 06 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं धात्री माताओं को अनुपूरक पुष्टाहार का वितरण कराया जा रहा है। 

– प्रदेश में अनुपूरक पुष्टाहार से लगभग 1 करोड़ 85 लाख लाभार्थियों को लाभान्वित किया जा रहा है। योजना हेतु वित्तीय वर्ष 2023 2024 के बजट में 291 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

– आँगनबाड़ी कार्यकत्रियों के लिये आयुष्मान भारत के अन्तर्गत स्वास्थ्य बीमा हेतु 25 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। छः वर्ष तक के बच्चों के कुपोषण में कमी लाने, 06 माह से 59 माह तक के बच्चों में एनीमिया के स्तर में कमी लाने, और गर्भवती / छात्री महिलाओं में एनीमिया के स्तर में कमी लाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय पोषण अभियान संचालित है। योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023- 2024 के लिए 455 करोड़ 52 लाख रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।

12:32 PM, 22-FEB-2023

न्यायालय परिसर के निर्माण हेतु 700 करोड़ रूपये की व्यवस्था

– नवसृजित जनपदों में पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर न्यायालय परिसर के निर्माण हेतु 700 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। 

– सरकार के शीर्ष प्राथमिकता में सम्मिलित राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, प्रयागराज की स्थापना हेतु 103 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

– प्रदेश के जनपदीय न्यायालयों के अनावासीय भवनों के निर्माण हेतु 420 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

– माननीय उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के आवासीय भवनों के निर्माण हेतु 150 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। 

– उत्तर प्रदेश अधिवक्ता कल्याण निधि से संबंधित कल्याणकारी स्टाम्पों की बिक्री की शुद्ध प्राप्ति का अन्तरण किये जाने हेतु वित्तीय वर्ष 2023- 2024 में 06 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

– उत्तर प्रदेश अधिवक्ता कल्याण निधि न्यासी समिति को अनुदान हेतु 20 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

– प्रदेश के अधिवक्ताओं की सुविधा हेतु विभिन्न जनपदों में अधिवक्ता चैम्बर्स के निर्माण कार्य तथा अन्य अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु वित्तीय वर्ष 2023-2024 में 20 करोड रूपये की धनराशि की व्यवस्था प्रस्तावित है। 

– प्रदेश के अधीनस्थ न्यायालयों की सुरक्षा हेतु सी०सी०टी०वी० कैमरा एवं अन्य सुरक्षा उपकरण हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

12:31 PM, 22-FEB-2023

अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र – छात्राओं के लिए एलान

– पूर्वदशम कक्षाओं (कक्षा 9 एवं 10) में अध्ययनरत अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र / छात्राओं हेतु योजनान्तर्गत छात्र / छात्राओं जिनके अभिभावकों की अधिकतम वार्षिक आय ऐसे 2.50 लाख रूपये हैं, को अधिकतम रूपये 3000/- वार्षिक की छात्रवृत्ति से लाभान्वित किये जाने का प्राविधान है ।

– दशमोत्तर कक्षाओं में अध्ययनरत अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र / छात्राओं जिनके अभिभावकों की अधिकतम वार्षिक आय 2 लाख रूपये तक है। 

– अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में लड़कियों की बेहतर शिक्षा के लिये अब तक 24 छात्रावासों एवं 11 विद्यालय भवनों का निर्माण पूर्ण कराया जा चुका है ।

– वित्तीय वर्ष 2023 2024 में छात्रावास निर्माण / विद्यालय भवन निर्माण हेतु 6 करोड़ 81 लाख रूपये का बजट प्रावधान किया गया है।

– मदरसों / मकतबों में आधुनिक विषयों की शिक्षा प्रदान करने की व्यवस्था की गयी है। योजना के अन्तर्गत मदरसों / मकतबों में आधुनिक विषयों (हिन्दी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान आदि) को पढ़ाने के लिये स्नातक शिक्षक को रूपये 6000/- प्रति माह, परास्नातक के साथ बी०एड० शिक्षकों को रूपये 12,000 /- प्रतिमाह की दर से मानदेय के भुगतान की व्यवस्था है।

– इसके अतिरिक्त बुक बैंक की स्थापना हेतु रूपये 50,000 विज्ञान एवं गणित किट हेतु रूपये 15,000 आलिया तथा उच्च आलिया स्तर के मदरसों के लिए कम्प्यूटर लैब की स्थापना हेतु 1 लाख रूपये प्रति मदरसा का अनुदान दिये जाने की व्यवस्था है।

12:30 PM, 22-FEB-2023

वनावरण एवं वृक्षावरण के लिए योजनाओं का एलान

– वर्तमान में उत्तर प्रदेश में वनावरण एवं वृक्षावरण प्रदेश के भौगोलिक क्षेत्र का 9.23 प्रतिशत है। वर्ष 2030 तक वनावरण एवं वृक्षावरण 15 प्रतिशत तक किये जाने का लक्ष्य है। 

– उत्तर प्रदेश में वनावरण एवं वृक्षावरण में वृद्धि हेतु विभिन्न योजनाओं में सड़क, रेलवे लाईन, नहरों के किनारे की भूमि तथा कृषकों की निजी भूमि पर वृहद स्तर पर वृक्षारोपण की कार्य योजना है। 

– वर्षाकाल – 2023 में वृक्षारोपण हेतु 35 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य प्रस्तावित है।

– सामाजिक वानिकीकरण योजना हेतु 600 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। पौधशाला प्रबन्धन योजना हेतु 175 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

– ग्रीन इण्डिया मिशन के अन्तर्गत संचालित कार्यक्रमों हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। प्रदेश में ईको टूरिज्म के विकास हेतु 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

– लखनऊ स्थित कुकरैल वन क्षेत्र में नाइट सफारी पार्क की स्थापना के लिये 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। 

– पिछड़ा वर्ग के पूर्वदशम एवं दशमोत्तर कक्षाओं के छात्र / छात्राओं को छात्रवृत्ति हेतु 2107 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। अनुसूचित जाति के छात्र छात्राओं को छात्रवृत्ति हेतु 962 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। 

– सामान्य वर्ग के छात्र / छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान किये जाने हेतु 530 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। जनजाति वर्ग के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति हेतु 34 करोड़ 50 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

– पूर्व से निर्माणाधीन समेकित विशेष माध्यमिक विद्यालयों के अवशेष कार्यों हेतु कुल 20.60 करोड़ रूपये तथा निर्मित समेकित विशेष माध्यमिक विद्यालयों में फर्नीचर, उपकरण आदि की व्यवस्था हेतु 8.64 करोड़ रूपये की धनराशि प्रस्तावित है। 

– मानिसिक मंदित एवं मानसिक रूप से रुग्ण निराश्रित दिव्यांगजन के लिए आश्रय गृह सह प्रशिक्षण केन्द्र हेतु स्वैच्छिक संगठनों को सहायता प्रदान किये जाने हेतु 10 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।

– समेकित विशेष माध्यमिक विद्यालयों की स्थापना हेतु प्रथम चरण में 29 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

12:28 PM, 22-FEB-2023

मैं पंछी तूफानों में राह बनाता…

वित्तमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि हमारी सरकार के पहले की सरकारों का रवैया प्रदेश की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों के प्रति घोर उपेक्षा का रहा। प्रदेश में एक ऐसा माहौल बना दिया गया था कि अपनी प्राचीन धार्मिक आस्था को प्रकट करना अपराध की श्रेणी में आ गया था। जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्राचीन धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों के पुरूत्थान का अभियान प्रारम्भ किया तो उनका विरोध भी किया गया। कर्मयोगी और पराक्रमी पुरुष विरोध और अवरोध को पराभूत कर अपना मार्ग बनाना जानते हैं।

मैं पंछी तूफानों में राह बनाता
मेरा राजनीति से केवल इतना नाता
तुम मुझे रोकते हो अवरोध बिछाकर
मैं उसे हटाकर आगे बढ़ता जाता

– काशी हिन्दू विश्वविद्यालय परिसर में वैदिक विज्ञान केन्द्र की स्थापना का कार्य किया गया। वर्तमान में वैदिक विज्ञान केन्द्र में वैदिक गणित, वैदिक विज्ञान एवं वैदिक न्याय शास्त्र सहित, शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक गतिविधियां संचालित की जा रही है।

– जनपद अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण के फलस्वरूप पर्यटकों की संख्या में सम्भावित वृद्धि के दृष्टिगत 03 पहुँच मार्गों का चौड़ीकरण एवं सौन्दर्यीकरण का कार्य तथा 06 स्थानों पर पार्किंग तथा जनसुविधाओं के विकास का कार्य किया जा रहा है जिन्हें आगामी 02 वर्षों में पूर्ण करने का लक्ष्य है।

– जनपद मीरजापुर में प्रसिद्ध माँ विन्ध्यवासिनी देवी मन्दिर, माँ अष्टभुजी देवी मन्दिर एवं काली खोह मन्दिर का जीर्णोद्धार एवं सौन्दर्यीकरण कराये जाने तथा त्रिकोणीय परिक्रमा पथ को विकसित किये जाने की कार्यवाही गतिमान है।

– जनपद अयोध्या एवं चित्रकूट की भाँति जनपद प्रयागराज में भजन सध्या स्थल की स्थापना का प्रस्ताव है। भजन संध्या स्थल की स्थापना हो जाने से तीर्थ क्षेत्र प्रयागराज में श्रद्धालुओं की सुविधा प्राप्त होगी। इसके साथ सांस्कृतिक विकास का कार्य भी किया जा सकेगा।

– नैमिषारण्य में वैदिक विज्ञान, सीतापुर जिले का एक प्रसिद्ध तप स्थल अध्ययन केन्द्र की स्थापना किये जाने का प्रस्ताव है। वेद विज्ञान अध्ययन केन्द्र की स्थापना से वेदों एवं पुराणों में संरक्षित ज्ञान को आम जन के बीच ले जाने हेतु अध्ययन कार्य किया जायेगा।

12:26 PM, 22-FEB-2023

पर्यटन के लिए ये एलान

– उत्तर प्रदेश में पर्यटन की अपार सम्भावनाएं है। प्रदेश में पर्यटन गतिविधियों में उत्तरोत्तर वृद्धि हो रही है। प्रदेश सरकार द्वारा पर्यटन विकास के लिये आधारभूत संरचाओं में वृद्धि की गयी है। इससे पर्यटन वृद्धि के राजस्व में वृद्धि होने के साथ-साथ अप्रत्यक्ष रोजगार सृजन भी हो रहा है।

– उत्तर प्रदेश में वर्ष 2022 में 24 करोड़ 87 लाख से अधिक पर्यटक आए, जिनमें भारतीय पर्यटकों की संख्या 24 करोड़ 83 लाख एवं विदेशी पर्यटकों की संख्या 04 लाख 10 हजार से अधिक रही है।

– स्पिरिचुअल सर्किट योजना के अन्तर्गत गोरखपुर- देवीपाटन डुमरियागंज का पर्यटन विकास, स्पिरिचुअल सर्किट योजना के अन्तर्गत जेवर दादरी सिकन्दराबाद नोएडा – खुर्जा बाँदा का समेकित पर्यटन विकास, जनपद मथुरा स्थित गोवर्धन के पर्यटन विकास हेतु स्वीकृत योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। 

– अयोध्या, वाराणसी, चित्रकूट, विन्ध्याचल, प्रयागराज, नैमिषारण्य, गोरखपुर, मथुरा, बटेश्वर धाम एवं अन्य महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों का पर्यटन विकास एवं सौन्दर्यीकरण के कार्य कराये जा रहे हैं। 

– मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन योजनान्तगत प्रदेश में स्थित पर्यटन स्थलों का विकास 300 करोड़ रूपये की धनराशि से कराया जा रहा है।

– शक्ति पीठ माँ शाकुम्भरी देवी मन्दिर के समेकित पर्यटन विकास हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष में 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

– प्रयागराज के समेकित विकास हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष में 40 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

– पर्यटन नीति 2018 के अर्न्तर्गत पर्यटन इकाईयों को प्रोत्साहन हेतु 45 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

– बौद्ध परिपथ के समेकित पर्यटन विकास हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष में 40 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

– बुन्देलखण्ड का समेकित पर्यटन विकास हेतु 40 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

– शुकतीर्थ धाम का समेकित पर्यटन विकास हेतु 10 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

– प्रदेश में युवा पर्यटन को बढ़ावा देना हेतु 2 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

– उत्तर प्रदेश इको टूरिज्म, लखनऊ बोर्ड की स्थापना हेतु 2.50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। अन्तराष्ट्रीय / राष्ट्रीय स्तर के मेगा इवेन्ट हेतु 5 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

– श्री नैमिषारण्य धाम तीर्थ विकास परिषद हेतु 2.50 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

12:24 PM, 22-FEB-2023

राजकीय पॉलीटेक्निकों की स्थापना एवं अवस्थापना विकास हेतु एलान

– प्रदेश में डिप्लोमा स्तरीय 201 राजकीय संस्थायें एवं 19 अनुदानित संस्थायें अर्थात 220 संस्थायें स्वीकृत हैं जिनमें से 168 संस्थाओं में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।

– 52 राजकीय पालीटेक्निक निर्माणाधीन / अवस्थापना की प्रक्रिया में हैं, जिन्हें निकट भविष्य में पी०पी०पी० मोड पर संचालित किया जाना है। 

– वर्तमान में 1372 निजी क्षेत्र की डिप्लोमा स्तरीय संस्थाओं में छात्र / छात्राओं को प्रवेश दिया जा रहा है। 

– वर्तमानतः राजकीय अनुदानित एवं निजी क्षेत्र की समस्त संस्थाओं को सम्मिलित करते हुये कुल प्रवेश क्षमता 223779 है। छात्र / छात्राओं को अधिक रोजगार तथा इमर्जिंग टेक्नोलाजी आधारित उद्योग हेतु मैनपावर उपलब्ध कराने के दृष्टिगत सत्र 2022-23 से New Age Course के अन्तर्गत 04 पाठ्यक्रम यथा डाटा साइंस एवं मशीन लर्निंग, इण्टरनेट ऑफ थिंग्स, साइबर सेक्यूरिटी एवं ड्रोन टेक्नोलाजी में शिक्षण प्रशिक्षण 21 राजकीय पालीटेक्निकों में प्रारम्भ किया गया है, जिसमें प्रवेश क्षमता 1575 है।

– राजकीय पॉलीटेक्निकों की स्थापना एवं अवस्थापना विकास हेतु क्रमश: 50 करोड़ रूपये एवं 33 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

– राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, गोण्डा, बस्ती, प्रतापगढ़ तथा मीरजापुर में कक्षाओं के संचालन हेतु 1.50-1.50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। 

– प्राविधिक शिक्षा विद्यालयों/ अभियंत्रण संस्थाओं में पूर्व से निर्मित भवनों के जीर्णोद्वार एवं अनुरक्षण हेतु 2 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

– प्रदेश में 305 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान संचालित हो रहे हैं, जिनमें विभिन्न व्यवसायों की 1,72,872 सीटें उपलब्ध हैं।

– प्रदेश के विभिन्न राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में से 47 में महिलाओं के प्रशिक्षण हेतु महिला शाखा संचालित कराई जा रही है। सम्पूर्ण प्रदेश में महिलाओं हेतु 12 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान स्वतन्त्र रूप से संचालित हो रहे हैं।

– सम्पूर्ण प्रदेश में 2963 से अधिक निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान संचालित हो रहे हैं, जिनमें 4.58 लाख से अधिक सीटें युवाओं के प्रशिक्षण हेतु उपलब्ध हैं। 

– टाटा टेक्नोलॉजीज लि० की सहभागिता से प्रदेश के राजकीय क्षेत्र के 150 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के तकनीकी उन्नयन की योजना के अन्तर्गत आधुनिक कार्यशालाओं एवं कक्षा कक्षों का निर्माण कराया जा रहा है।

– परियोजना की लागत 5000 करोड रूपये से अधिक है जिसमें 88 प्रतिशत अंश टाटा टेक्नोलाजी लि० द्वारा तथा 12 प्रतिशत अंश राज्य सरकार द्वारा लगाया जायेगा।

– इसके अतिरिक्त राज्य सरकार द्वारा परियोजना हेतु 10 हजार वर्ग फीट क्षेत्रफल में कार्यशाला, प्रशिक्षण कक्ष इत्यादि के निर्माण के लिये 477 करोड़ रूपये का व्यय वहन किया जायेगा।

– वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में परियोजना के लिए 940 करोड़ रूपये की व्यवस्था करायी गयी है। परियोजना के फलस्वरूप प्रतिवर्ष लगभग 30,000 छात्र प्रशिक्षित होंगे।

– कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत प्रशिक्षण कार्यक्रम हेतु 150करोड रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रशिक्षण योजना हेतु 70 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

– केन्द्र प्रायोजित स्ट्राइव योजना के अन्तर्गत 29 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का उच्चीकरण कराया जायेगा। इस हेतु 35 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।

12:24 PM, 22-FEB-2023

खेलो इंण्डिया यूनिवर्सिटी गेम्स के लिये 30 करोड़ रूपये प्रस्तावित

– खेलो इंण्डिया यूनिवर्सिटी गेम्स के लिये 30 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

– प्रदेश में निजी सहभागिता से खेल अवस्थापनाओं के निर्माण हेतु 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कार योजना हेतु 15 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

– खेल विकास कोष की स्थापना हेतु 25 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

– जनपद मेरठ में मेजर ध्यान चन्द्र खेल विश्वविद्यालय की स्थापना किये जाने के संबंध में त्वरित गति से कार्यवाही की जा रही है। खेल विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु 300 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। 

– सहारनपुर, फतेहपुर एवं बलिया में स्पोर्टस कालेज के निर्माण हेतु 20 करोड़ 50 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

12:21 PM, 22-FEB-2023

मुरादाबाद व देवीपाटन मण्डल में विश्वविद्यालयों का एलान

– प्रदेश में उच्च शिक्षा के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु वर्तमान में 19 राज्य विश्वविद्यालय, 01 मुक्त विश्वविद्यालय, 01 डीम्ड विश्वविद्यालय 30 निजी विश्वविद्यालय, 172 राजकीय महाविद्यालय, 331 सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालय एवं 7372 स्ववित्त पोषित महाविद्यालय संचालित हैं।

– नैक रैंकिंग में लखनऊ एवं गोरखपुर विश्वविद्यालयों को ए-डबल प्लस श्रेणी प्राप्त हुई है। इसी प्रकार के० जी०एम०यू० को भी नैक रैंकिंग में ए प्लस श्रेणी प्राप्त हुई है। 

– मदन मोहन मालवीय तकनीकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर को ए श्रेणी प्राप्त हुई है। भारत में प्रथम बार किसी कृषि विश्वविद्यालय को नैक रैंकिंग प्रदान हुई है और यह श्रेय प्रदेश के कानपुर कृषि विश्वविद्यालय को प्राप्त हुआ है। प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों में से एमिटी विश्वविद्यालय को ए-श्रेणी तथा शारदा विश्वविद्यालय, गलगोटिया विश्वविद्यालय एवं जी.एल.ए. विश्वविद्यालय को ए प्लस श्रेणी प्राप्त हुई है।

– प्रदेश में प्रथम बार 11 विश्वविद्यालयों द्वारा नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग की तैयारी कर सहभाग लिया है। चार विश्वविद्यालय विश्वस्तरीय रैंकिंग हेतु क्यू.आई.एस. रैंकिंग में भाग ले रहे हैं। विन्ध्याचल धाम मण्डल में माँ विन्ध्यवासिनी राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना के लिये 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।

– देवीपाटन मण्डल में माँ पाटेश्वरी देवी राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

– मुरादाबाद मण्डल में राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

– ग्राम पंचायत एवं वार्ड स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना हेतु 300 करोड़ रूपये व्यवस्था प्रस्तावित है।

12:19 PM, 22-FEB-2023

माध्यमिक शिक्षा के लिए एलान

– वर्तमान में प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा परिषद से सम्बन्धित सामान्य शिक्षा हेतु 2357 राजकीय, 4512 अशासकीय सहायता प्राप्त एवं 21,023 वित्त विहीन कुल 27.892 माध्यमिक विद्यालय तथा संस्कृत शिक्षा के लिये 2 राजकीय, 971 सहायता प्राप्त एवं 267 वित्त विहीन कुल 1240 विद्यालय संचालित है।

– माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश से मान्यता प्राप्त अशासकीय सहायता प्राप्त एवं स्ववित्त पोषित विद्यालयों के भवनों के अनुरक्षण / सम्वर्द्धन के लिये विद्यालय की परिसम्पत्तियों का उपयोग करते हुये विद्यालयों की आय बढ़ाने की योजना प्रस्तावित है।

– केन्द्र सरकार की सहायता से पीएम श्री (प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इण्डिया) नामक नई योजना प्रदेश में क्रियान्वित किये जाने हेतु 500 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गयी है। 

– ग्राम पंचायत एवं वार्ड स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की नई योजना हेतु 300 करोड़ रूपये व्यवस्था की गयी है।

– समग्र शिक्षा अभियान के अन्तर्गत विभिन्न कार्यक्रमों के संचालन हेतु 1003 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में विभिन्न अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु प्रोजेक्ट अलंकार योजनान्तर्गत 500 करोड रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। 

– संस्कृत विद्यालयों की परिसम्पत्तियों के सृजन हेतु 100 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।

– माध्यमिक विद्यालयों में संस्कृत पढ़ने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति देने के लिये 10 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।

– स्ववित्त पोषित विद्यालयों में निर्धारित आय सीमा से कम आय वाले माता-पिता की दूसरी बच्ची की फीस प्रतिपूर्ति हेतु 5 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

12:14 PM, 22-FEB-2023

समग्र शिक्षा अभियान हेतु 20,255 करोड़ रूपये का एलान

– प्रारम्भिक शिक्षा के सार्वभौमिक लक्ष्य की प्राप्ति हेतु हमारी सरकार संकल्पबद्ध है। प्रदेश में बेसिक शिक्षा के अधीन शासकीय / अशासकीय लगभग 2,23,712 विद्यालय संचालित हैं, जिसमें सभी बच्चों के लिए 01 से 03 किलोमीटर की परिधि में विद्यालय की सुविधा उपलब्ध है।

– समग्र शिक्षा अभियान हेतु 20,255 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

– ऑपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं का विकास एवं उन्हें स्मार्ट विद्यालयों के रूप में विकसित करने की कार्य योजना है। इस हेतु वित्तीय वर्ष 2023-2024 के बजट में 1000 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गयी है।

– शासकीय / अशासकीय लगभग 2,23,712 विद्यालय संचालित हैं, जिसमें सभी बच्चों के लिए 01 से 03 किलोमीटर की परिधि में विद्यालय की सुविधा उपलब्ध है।

– समग्र शिक्षा अभियान हेतु 20,255 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। 

– ऑपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं का विकारा एवं उन्हें स्मार्ट विद्यालयों के रूप में विकसित करने की कार्य योजना है। इस हेतु वित्तीय वर्ष 2023-2024 के बजट में 1000 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गयी है ।

– केन्द्र सरकार की सहायता से पी०एम० श्री (प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इण्डिया) नामक नई योजना प्रदेश में क्रियान्वित किये जाने हेतु 510 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गयी है। ग्राम पंचायत एवं वार्ड स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की नई योजना हेतु 300 करोड़ रूपये व्यवस्था की गयी है।

– गरीबी रेखा के ऊपर के लगभग 28 लाख छात्र छात्राओं को निःशुल्क यूनिफार्म वितरण हेतु 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के कक्षा-1 से 08 तक अध्ययनरत लगभग 02 करोड़ छात्र-छात्राओं के उपयोग के लिए मुफ्त स्वेटर और जूते और मोज़े प्रदान करना 650 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित हैं ।

– कक्षा 01 से 08 तक के छात्र-छात्राओं को निःशुल्क स्कूल बैग उपलब्ध कराये जाने हेतु 350 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

– वनटांगिया गावों में प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के संचालन एवं निर्माण हेतु 11 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

– निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के अन्तर्गत अलाभित समूह एवं दुर्बल वर्ग के बच्चों को वित्तीय वर्ष 2023-2024 में प्रवेश दिलाये जाने हेतु 40 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।

12:12 PM, 22-FEB-2023

इन क्षेत्रों के लिए ये हुआ एलान

–  कृषि क्षेत्र के बाद हथकरघा उद्योग सर्वाधिक रोजगार उपलब्ध कराने वाला विकेन्द्रीकृत कुटीर उद्योग है। प्रदेश में लगभग 1.91 लाख (एक लाख इक्यानबे हजार ) हथकरघा बुनकर एवं लगभग 80 हजार हथकरघे हैं। प्रदेश में 2.58 लाख पावरलूम कार्यरत हैं जिसके माध्यम से 5.50 लाख पावरलूम बुनकर अपना जीविकोपार्जन कर रहे हैं।

– वस्त्र क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने एवं प्रदेश में अधिकाधिक रोजगार सृजन करने के उद्देश्य से उ०प्र० टेक्सटाइल एण्ड गारमेंटिंग पालिसी 2022 प्रख्यापित की गयी है, जिसमें वस्त्र क्षेत्र के निवेशकों एवं नया स्वरोजगार प्रारम्भ करने वाले युवाओं को अनेक वित्तीय सुविधायें अनुमन्य की गयी हैं, जिसके लिये 150 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।

– गारमेन्टिंग नीति, 2017 के अन्तर्गत 175 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

– प्रदेश के पावरलूम बुनकरों को रियायती दरों पर विद्युत उपलब्ध करायी जा रही है इस हेतु 345 करोड रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

– मुख्यमंत्री पॉवर लूम उद्योग विकास योजना हेतु 20 करोड़ रूपये तथा मुख्यमंत्री बुनकर सौर ऊर्जा योजना हेतु 10 करोड रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

– झलकारी बाई कोरी हथकरघा एवं पॉवर लूम विकास योजना हेतु लगभग 18 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

– वित्तीय वर्ष 2021-22 में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रदेश के युवाओं के तकनीकी सशक्तिकरण हेतु टैबलेट / स्मार्टफोन वितरण योजना लागू की गयी। इस पायलट योजना का विस्तार करते हुये लोक कल्याण संकल्प पत्र – 2022 में स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तिकरण योजनान्तर्गत अनुरूप 02 करोड़ टैबलेट / स्मार्टफोन का 05 वर्षों में वितरण किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। योजना हेतु 3600 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

– उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति के कार्यान्वयन हेतु 401 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

– स्टेट डाटा सेन्टर हेतु 85 करोड़ 89 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। उत्तर प्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी एवं स्टार्टअप नीति हेतु 60 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी जनित सेवा क्षेत्र में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए प्रदेश में आई०टी० पार्क्स की स्थापना की जा रही है ।

– उ०प्र० सूचना प्रौद्योगिकी नीति-2017-2022 के तहत राज्य को लगभग 53,000 व्यक्तियों को रोजगार के साथ लगभग 6,300 करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुये हैं । प्रदेश सरकार द्वारा नई उ०प्र० सूचना प्रौद्योगिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी जनित सेवा नीति-2022 दिनांक 18 नवम्बर 2022 को अधिसूचित की गयी है। इसके अन्तर्गत लगभग रूपये 5000 करोड़ के निवेश का अनुमान है जिससे लगभग 50,000 व्यक्तियों हेतु प्रत्यक्ष एवं 1,00,000 व्यक्तियों हेतु अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने का अनुमान है।

12:11 PM, 22-FEB-2023

कृषि क्षेत्र के लिए घोषणाओं का एलान

– कृषकों को कृषि की समग्र नवीनतम तकनीक से प्रशिक्षित करने हेतु एक नवोन्मेषी कार्यक्रम द मिलियन फार्मर्स स्कूल” ” का आयोजन पूरे प्रदेश में किया जा रहा है। वर्ष 2023 -2024 में 17000 किसान पाठशालाओं का आयोजन प्रस्तावित है।

–  प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2022- 2023 में माह नवम्बर 2022 तक 12 किस्तों में 51.639 करोड़ रूपये का भुगतान डी०बी०टी० के माध्यम से कृषकों के बैंक खातों में किया गया।

– नेशनल मिशन फॉर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर योजना हेतु 631 करोड़ 93 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। 

–  नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2022 2023 में प्रदेश के 49 जनपदों में गौ आधारित प्राकृतिक खेती का कार्य प्रारम्भ किया गया है जिसमें गंगा नदी से जुड़े 26 जनपद सम्मिलित हैं। योजनान्तर्गत 1714 क्लस्टर्स आच्छादित हैं जिनका सम्मिलित क्षेत्रफल 85,710 हेक्टेयर है। योजना हेतु 113 करोड़ 52 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

– कृषकों के निजी नलकूपों को रियायती दरों पर विद्युत आपूर्ति हेतु 1950 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

– राष्ट्रीय कृषि विकास योजना हेतु 984 करोड़ 54 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। नेशनल क्रॉप इन्श्योरेन्स योजना हेतु 753 करोड़ 70 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। 

–  उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरूद्धार कार्यक्रम के क्रियान्वयन हेतु 55 करोड़ 60 लाख रूपये की व्यवस्था की गयी है।

–  पण्डित दीन दयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना हेतु 102 करोड़ 81 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

– आत्मनिर्भर कृषक समन्वित योजना हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था का प्रस्ताव है।

– दलहन और तिलहन बीज मिनी किट वितरण योजना हेतु 15-15 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। 

– कृषकों के डिजिटल डाटाबेस हेतु एग्री स्टैंक योजना हेतु 2 करोड रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

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